निजता की नीति

 प्रिय पाठक,

हम आपकी निजता का पूर्ण सम्मान करते हैं और हम आपके बारे में गैर जरूरी सूचनाएँ एकत्रित किए जाने के विरुद्ध हैं। इसलिए, आपका यह जानना ज़रूरी है कि हम किन ऑनलाइन सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं और वे आपकी कौन से सूचनाएँ एकत्रित करते हैं। और, आप कैसे अपनी निजता की सुरक्षा कर सकते हैं। 

अगर आपकी रुचि सिर्फ अपने डेटा को सुरक्षित करने के तरीकों में है और आप पूरा लेख नहीं पढ़ना चाहते तो सीधे लेख के 'डेटा सुरक्षित कैसे करें' वाले भाग पर जाएँ।  डेटा सुरक्षित कैसे करें

पहले आप यह समझिए कि आपसे और आपकी डिवाइस से जुड़ी कौन कौन सी सूचनाएँ एकत्रित की जा सकती हैं।  

1.  गूगल की कुकीज़ और अन्य सूचनाएँ  -

फर्राट डॉट कॉम वेबसाइट अपनी सेवाएँ देने और ट्रैफ़िक का विश्लेषण करने के लिए Google की सेवाओं (Blogger, AdSense और Analytics) का उपयोग करती है। इसके लिए गूगल द्वारा प्राप्त कुकीज़ का उपयोग किया जाता है। 

कुकीज़ अक्षरों का समूह होती हैं जिनमे आपसे जुड़ी सूचनाएँ Google आपके ब्राउज़र मे सेव करता है। जब आप गूगल की सेवाएँ इस्तेमाल करते हैं या गूगल के सेवाओं का उपयोग करने वाली वेबसाइटों का उपयोग करते हैं, तब गूगल इनका प्रयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए करता है। इन सूचनाओं से आपकी पहचान करना उनमें से एक है।  इन कुकीज़ के बारे में विस्तार से आप यहाँ पढ़ सकते हैं। (Google, कुकी का उपयोग कैसे करता है – गोपनीयता और शर्तें

सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने,  उपयोग के आंकड़े तैयार करने और दुरुपयोग का पता लगाने के लिए निम्न सूचनाएँ  Google से साझा की जाती हैं -

  • यू आर एल और आई पी पता -  इस वेबसाइट के आपके उपयोग के दौरान आप जिन पन्नों पर जाते हैं उनका वेब पता(यू. आर. एल.) और साथ ही आप जिस डिवाइस (मोबाइल, स्मार्टफ़ोन या डेस्कटॉप) से इस वेबसाइट का उपयोग करते हैं, उसका आई. पी. पता गूगल को जाता है। आई. पी. पता कैसे काम करता है, यह जानने के लिए यह लेख पढ़ें। (IP पतों का संक्षिप्त विवरण - Google खोज मदद
    ध्यान दें  -  इस प्रकार, आप इस वेबसाइट के किस पन्ने पर कितना वक्त बिताते हैं, इसकी जानकारी गूगल को पहुँचती है। फर्राट डॉट कॉम इन आंकड़ों से उपजे पैटर्न देख सकता है जिन्हें गूगल हमारी गूगल एनालिटिक्स रिपोर्ट में शामिल करता है। हालांकि, गूगल इस रिपोर्ट में आपका आई पी पता शामिल नहीं करता इसलिए हम गूगल द्वारा प्राप्त सूचनाओं में आपका आई पी पता नहीं देख सकते । 
  • यूज़र-एजेंट - जब आप इंटरनेट द्वारा सूचना का आदान-प्रदान करते हैं, तब आप जो अनुरोध भेजते हैं, उसमें कई सूचनाएँ निहित होती हैं। जैसे - ब्राउज़र, ऑपरेटिंग सिस्टम और आपके डिवाइस से जुड़ी सूचनाएँ। यह समझने के लिए कि आपके यूज़र-एजेंट से आपकी कौन सी सूचनाएँ एकत्रित की जा सकती हैं, Google या किसी अन्य सर्च-इंजन पर What is my user-agent लिख कर सर्च करें। 
  • प्रदर्शन और सुरक्षा संबंधी आंकड़े - इस वेबसाइट और इससे जुड़ी गूगल की सेवाओं के प्रदर्शन और सुरक्षा के मात्रात्मक मूल्यांकन के लिए इनसे संबंधित आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं।
    उदाहरण के लिए, फर्राट डॉट कॉम की कोई स्टोरी कितने लोगों द्वारा और किन-किन जगहों द्वारा पढ़ी जाती है, यह सूचना Google के साथ साझा की जाती है। इसके अलावा यह वेबसाइट या इस वेबसाइट पर गूगल की सेवाएँ कितनी तीव्रता और बेहतरी से काम कर पा रही हैं यह भी गूगल को भेजा जाता है। 
  • इसके अलावा इस वेबसाइट के माध्यम से संवेदनशील सूचना का आदान-प्रदान असुरक्षित ढंग से तो नहीं हो रहा, यह सुनिश्चित करने के लिए भी सुरक्षा संबंधी आंकड़े इकट्ठा किए जा सकते हैं । यह आंकड़े गूगल इकट्ठा करता है और उनपर गूगल की गोपनीयता की नीति (गोपनीयता नीति – गोपनीयता और शर्तें – Google) लागू होती है।

    यह विस्तार में समझने के लिए कि आपका गूगल द्वारा आपका डेटा किस तरह इकट्ठा किया जाता है और कैसे उसका उपयोग होता है, यह लेख विस्तार से यहाँ पढ़ें।


2. फ़ेसबुक की कुकीज़ और अन्य सूचनाएँ  -    

फर्राट डॉट कॉम अपनी वैबसाइट में फ़ेसबुक के लाइक बटन का प्रयोग करता है। जब आप हमारे लेख पढ़कर पन्ने के निचले भाग तक पहुँचते हैं तो हम आपसे हमें फ़ेसबुक पर जोड़ने का अनुरोध करते हैं। 

इसके बदले जब आप फर्राट डॉट कॉम का उपयोग करते हैं तो फ़ेसबुक निम्न सूचनाएँ इकट्ठा करता है

  • (अगर आपके पास फ़ेसबुक अकाउंट है और आपने इस ब्राउज़र से उसमे साइन किया है तो) आपका फ़ेसबुक यूज़र ID
  • जिस आप जिस पन्ने पर हैं उसका वेब पता (यू. आर. एल.)
  • समय और तारीख़ 
  • आपके ब्राउज़र से संबंधित अन्य सूचनाएँ (जैसे आई. पी. पता, यूज़र-एजेंट आदि )
  • फ़ेसबुक की कुकीज़

कुकीज़ अक्षरों का एक समूह होती हैं, जिन्हें वेब ब्राउज़र द्वारा सूचना का संचय करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप फ़ेसबुक का उपयोग करते हैं या किसी ऐसी वेबसाइट का उपयोग करते हैं जो फ़ेसबुक की सेवाओं (जैसे लाइक और शेयर बटन) का उपयोग करती हो (जैसे फर्राट डॉट कॉम) तब  फ़ेसबुक आपके ब्राउज़र के माध्यम से आपकी डिवाइस मे सेव या पहले से सेव की गई कुकीज़ को प्राप्त करता है। 

कुकीज़ के प्रयोग से  से निम्न सूचनाएँ फेसबुक तक पहुँचती हैं -

आइडेंटिफ़ायर (जो आपकी और आपके डिवाइस की पहचान करते हैं)

जब आप फ़ेसबुक का उपयोग करते हैं और वहाँ अकाउंट बनाते हैं तो जो सूचनाएँ फ़ेसबुक कुकीज़ के रूप मे आपके ब्राउज़र में सेव करता है। जैसे - आपका नाम, मोबाइल नंबर और प्रोफ़ाइल से संबंधित सूचनाएँ।  

फ़ेसबुक से प्राप्त सेवाओं का उपयोग करने वाली वेबसाइट (यहाँ फर्राट) पर आपकी एक्टिविटी । इस एक्टिविटी को फ़ेसबुक आपकी प्रोफ़ाइल से लिंक कर देता है जिसका इस्तेमाल आपको विज्ञापन दिखाने या आपके फ़ेसबुक के प्रयोग को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। 

फ़ेसबुक और किस तरह से आपके डेटा का इस्तेमाल कर सकता है, यह जानने के लिए फ़ेसबुक की डेटा पॉलिसी देखें। 

  

प्रिय पाठक, जब आप Pharrat.com का उपयोग करते हैं, तो आपके डेटा का इस्तेमाल गूगल और फेसबुक उपरोक्त नीतियों के अनुसार करते हैं, इनके अलावा हम स्वयं किसी प्रकार की कुकीज़ का प्रयोग नहीं करते। फर्राट डॉट कॉम के पास गूगल एनालिटिक्स रिपोर्टों के अलावा आपका कोई डाटा मौजूद नहीं होता। 


मेरा डेटा सुरक्षित करें 

अगर आप गूगल और फेसबुक तक पहुँचने वाली सूचना को रोकना या सीमित करना चाहते हैं तो आप निम्न तरीकों का प्रयोग कर सकते हैं -  

आपकी निजता को सुरक्षित करने के कुछ उपाय -


चिपकू विज्ञापनों से आज़ादी - 

अगर आप चाहते हैं कि गूगल के विज्ञापन आपका पीछा न करें तो आप इस लिंक (https://adssettings.google.com/) पर जाकर विज्ञापन वैयक्तिकरण ( Ad Personalization) से Opt-out कर सकते हैं।  

हालांकि, इसके बावजूद भी आप (आई. पी. पते से प्राप्त) अपने स्थान, ब्राउज़र के प्रकार और सर्च शब्दों के आधार पर विज्ञापन देख सकते हैं। 


प्लीज़ डोंट एनालाइज़ मी

अगर आप गूगल एनालिटिक्स को आपकी गतिविधि की जानकारी बटोरने से रोकना चाहते हैं, तो आपको अपने ब्राउज़र में गूगल एनालिटिक्स opt-out एक्सटेन्शन ऐड करना होगा। वह आप इस लिंक से कर सकते हैं। 


नो कुकी की लुकाछिपी 

इसके अलावा आप सीधे अपने ब्राउज़र सेटिंग में जाकर थर्ड-पार्टी कुकीज़ ब्लॉक कर सकते हैं। थर्ड-पार्टी कुकीज़ ब्लॉक करने से आप जिस वेबसाइट पर होंगे उसके अलावा कोई अन्य कंपनी, भले ही उसकी सेवा का प्रयोग वह वेबसाइट कर रही हो, आपके ब्राउज़र में नहीं सेट कर पाएगी। जैसे, अगर आप फर्राट डॉट कॉम का इस्तेमाल करेंगे तो आपको गूगल और फ़ेसबुक की कुकीज़ परेशान नहीं करेंगी। इससे नुकसान बस इतना होगा कि हमारी वेबसाइट का लाइक बटन और कमेंट फॉर्म काम नहीं करेगा। 


अरे तू जा रे कुकीज़ 

करने को तो आप सारी कुकीज़ को भी ब्लॉक कर सकते हैं, लेकिन तब जब आप किसी भी वेबसाइट पर लॉग इन करने वाली सुविधा और वैसे अन्य सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इसलिए, थर्ड पार्टी कुकीज़ को ब्लॉक करना सुविधा और निजता दोनों के लिहाज से संतुलित कदम है। 


ब्राउज़र-देव संरक्षणम

इसके अलावा आप ब्राउज़र सेटिंग्स की अन्य सुविधाएं इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे 

Do Not Track अनुरोध भेजना 

चुन चुन के विभिन्न कंपनियों की कुकीज़ सेट करने वाले यू. आर. ढूँढना और उन्हें ब्लॉक करना। उदाहरण के लिए आप गूगल विज्ञापन की कुकीज़ जिन यू. आर. एल. से सेट करता है, आप उन्हें इस पन्ने पर देख सकते हैं।  


मैं बनूँगी मिस्टर इंडिया

अगर आप चाहते हैं कि जब आप इंटरनेट का प्रयोग करें और आपके आई. पी. पते से लेकर सारी सूचनाएँ जितना संभव है सुरक्षित रहें और आपको इस बात से फ़र्क नहीं पड़ता कि उसके लिए आपको कितनी भी असुविधा उठानी पड़े, तो आप टोर ब्राउज़र का इस्तेमाल करें। यह ब्राउज़र आप इस लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं । 


ले देकर इतने में मान जाओ

अगर आपको अपने डेटा की इतनी अधिक चिंता नहीं सताती लेकिन फिर भी आप अपने डेटा की ठीक-ठाक सुरक्षा करना चाहते हैं तो उसके लिए भी बहुत सारे एक्सटैन्शन और ऐड-ऑन उपलब्ध हैं, बस आपको उन्हें ढूंढ कर इस्तेमाल करना होगा। इनमें से कुछ प्रचलित ऐड-ऑन DuckDuckGo और Ghostery के हैं। 


हमारी पूरी कोशिश है कि हम आपको आपकी सूचनाओं से जुड़ी सारी बातें स्पष्ट रूप से समझा पाएँ। अगर आपको लगता है कि उपरोक्त बातों मे कुछ छूट गया है या छिपाया गया है, या उनमें कोई बात असपष्ट है तो कृपया हमें pharratmail@gmail.com पर लिखें। आपकी प्रतिक्रिया मिलने पर हम इस लेख में तुरंत सुधार करेंगे। इसके अलावा आप किसी भी असहमति के लिए इसी ईमेल पते पर लिख सकते हैं। 

प्रिय पाठक, हमें यह याद रखना होगा कि हमें निजता के कितने अधिकार प्राप्त हैं और इंटरनेट की बड़ी कंपनियाँ हमें कितने अधिकार देती हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपने डेटा आधारित अधिकारों को लेकर कितने जागरूक हैं और हम अपनी सरकारों से इन मुद्दों पर प्रभावी नीतियाँ बनवा पाने में सफ़ल हो पाते हैं या नहीं। ऐसे ज़रूरी विषयों पर लगातार जानते और सोचते रहने के लिए पढ़ते रहिए फर्राट डॉट कॉम।